Kashmir Aur Kashmiri Pandit: Basne Aur Bikharne Ke 1500 Saal (Hindi Edition) by Ashok Kumar Pandey in pdf

Kashmir Aur Kashmiri Pandit: Basne Aur Bikharne Ke 1500 Saal (Hindi Edition)




 Kashmir Aur Kashmiri Pandit: Basne Aur Bikharne Ke 1500 Saal (Hindi Edition) by Ashok Kumar Pandey in pdf Writer: Ashok Kumar Pandey

Size: 6.7 MB

Pages: 325

Language: Hindi

Genre: Novel

Format: Pdf

Price: Free

Publish Date: 2020



यह किताब कश्मीर के उथल-पुथल भरे इतिहास में कश्मीरी पंडितों के लोकेशन की तलाश करते हुए उन सामाजिक-राजनैतिक प्रक्रियाओं की विवेचना करती है जो कश्मीर में इस्लाम के उदय, धर्मान्तरण और कश्मीरी पंडितों की मानसिक-सामाजिक निर्मिति तथा वहाँ के मुसलमानों और पंडितों के बीच के जटिल रिश्तों में परिणत हुईं। साथ ही, यह किताब आज़ादी की लड़ाई के दौरान विकसित हुए उन अन्‍तर्विरोधों की भी पहचान करती है जिनसे आज़ाद भारत में कश्मीर, जम्मू और शेष भारत के बीच बने तनावपूर्ण सम्बन्धों और इस रूप से कश्मीर घाटी के भीतर पंडित-मुस्लिम सम्बन्धों ने आकार लिया। नब्बे के दशक में पंडितों के विस्थापन के लिए ज़िम्मेदार परिस्थितियों की विस्तार से विवेचना करते हुए यह किताब विस्थापित पंडितों के साथ ही उन कश्मीरी पंडितों से संवाद स्थापित करती है जिन्होंने कभी कश्मीर नहीं छोड़ा, और उनके वर्तमान और भविष्य के आईने में कश्मीर को समझने की कोशिश करती है। धारा 370 हटाए जाने से पहले और बाद में, दोनों स्थितियों में, घाटी में रह रहे पंडितों के आख्यान को शामिल करनेवाली यह पहली किताब है जिसके लिए लेखक ने कश्मीर के विभिन्न इलाक़ों में यात्राएँ की हैं और पंडित परिवारों से विस्तार से बातचीत की है।