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[PDF] Dimaagi Gulami (दिमागी गुलामी) by Rahul Sankrityayan

Dimagi Gulami (दिमागी गुलामी) by Rahul Sankrityayan

Dimagi Gulami(दिमागी गुलामी)




 दिमागी गुलामी
by Rahul Sankrityayan in hindi Writer: Rahul Sankrityayan

Size: 1.8 MB

Pages: 99

Language: Hindi

Genre: fiction

Format: Pdf

Price: Free

Publish Date: 1944



महापण्डित महाविद्रोही राहुल सांकृत्यायन की परम्परा सतत प्रगति और प्रयोग, यथास्थिति-विरोध तथा सामाजिक-सांस्कृतिक क्रान्ति के अविरल प्रवाह एवं जनता से अटूट जुड़ाव की परम्परा है। निरन्तर गति और सतत प्रगति ही राहुल के जीवन का सारतत्व है। नकारात्मक परम्पराओं पर प्रचण्ड प्रहार और रूढ़िभंजन राहुल के चिन्तन का केन्द्रबिन्दु है। तर्क और विज्ञान में उनकी आस्था अटूट थी। हर तरह की शिथिलता, गतिरोध, कूपमण्डूकता, अन्धविश्वास, तर्कहीनता, यथास्थितिवाद, पुनरुत्थानवाद और अतीतोन्मुखता के वे कट्टर शत्रु थे। शब्द और कर्म-सिद्धान्त और व्यवहार की एकता की वे प्रतिमूर्ति थे।





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