MaanSarovar (Hindi)

एक कहानीकार के रूप में प्रेमचंद अपने जीवनकाल में ही एक किंवदंती बन गए थे। प्रेमचंद की कहानियों का दायरा विशाल है। विविध विषयों को देखते हुए उन्होंने मानो मानव जगत के समस्त आकाश को अपने पाले में समेट लिया था। प्रेमचंदजी की प्रत्येक कहानी मानव मन के कई पक्षों, मनुष्य की अंतरात्मा की कई लकीरों, कुछ सामाजिक प्रथाओं की बुराइयों और आर्थिक यातनाओं के विषम कोणों को उजागर करती है। यह सब पूरी कलात्मकता के साथ किया गया है। उनकी कहानियाँ अपने विचारों और भावनाओं की विविध परतों के माध्यम से आज भी पाठकों के मन को झकझोर देती हैं। वे सभी मानव गौरव के अग्रदूत हैं जो एक समय-परीक्षणित लेखक की कलम से निकले हैं। उनकी कहानियों की आंतरिक प्रकृति, उनके बाहरी स्वरूप उनकी संपूर्ण विशिष्टता को प्रकट करते हैं और पाठक के मन को आकर्षित करते हैं। ऐसी विशिष्ट विशेषताओं के कारण प्रेमचंद जी की कहानियाँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी पाँच दशक पहले थीं। उनकी कहानियों के मुख्य विषय ग्रामीण जीवन पर आधारित हैं, जिसमें शहरी सामाजिक जीवन समकालीन भारतीय जीवन की पूरी तस्वीर को चित्रित करने के विपरीत दिखाई देता है। समाज के दबे-कुचले लोगों की ओर से लड़ने वाले मुंशी प्रेमचंद की कहानियां, जो सामाजिक और आर्थिक पीड़ा से पीड़ित हैं, हमारे साहित्य की सबसे मजबूत संपत्ति हैं।