The Eid Fair (Eidgah)

यह प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी 'ईदगाह' का सच्चा अनुवाद है। अपनी दादी के साथ रहने वाला एक अनाथ हामिद अपनी जेब में केवल तीन पैसे लेकर सालाना ईद मेले में जाता है। यह कहानी एक बच्चे के दिमाग की पड़ताल करती है जब वह अपनी खरीदारी को चुनने, खरीदने और उसे सही ठहराने की कोशिश करता है। यह भी निःस्वार्थ प्रेम के क्षणिक आनंद से ऊपर होने की कहानी है। प्रेमचंद ने अपनी विशिष्ट शैली से पाठकों के मन में अपने पात्रों को जीवंत कर दिया है।